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बीएसएच होम अप्लायंसेस ने किया निशुल्क सर्विस कैंप का आयोजन

हल्द्वानी। यूरोप का सबसे बड़ा होम अप्लायंसेस निर्माता एवं इस सेक्टर में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक, बीएसएच होम अप्लायंसेस द्वारा हल्द्वानी में 27 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2021 के बीच निशुल्क सर्विस कैंप का आयोजन किया जा रहा है। बीएसएच होम अप्लायंसेस के लिए निशुल्क सर्विस कैंप का यह दूसरा चरण है। बीएसएच के सर्विस आर्म्स को प्रमोट करने के उद्देश्य से ये कैंप 10 राज्यों मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में लगाए जाएंगे। कैंप के पहले चरण का आयोजन भारत के 4 राज्यों पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरला में किया गया था। इस चरण को बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली और बीएसएच को कैंप के दूसरे चरण से भी इसी तरह के रिस्पॉन्स की अपेक्षा है। इस कैंप के दौरान ग्राहकों को अनेक बेनेफिट्स, जैसे एक्सटेंडेड वॉरंटी पर 20 प्रतिशत की छूट; स्पेयर पार्ट्स, एक्सेसरीज़ एवं कंज़्यूमेबल्स पर 10 प्रतिशत की छूट तथा विज़िटिंग एवं लेबर शुल्क पर संपूर्ण छूट का लाभ दिया जाएगा।

पौधारोपण कर लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

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देहरादूना। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) और देहरादून कैंट के संयुक्त तत्वाधान में बीरपुर स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंगलवार को आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मिलकर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद और कैंट के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना ने हमें पेड़-पौधों से निशुल्क मिलने वाली ऑक्सीजन की अहमियत बता दी है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने लोगों को पेड़-पौधों की महत्ता बताते हुए इनकी सुरक्षा और देखभाल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने जीवन में खुशहाली चाहते हैं तो हमें पेड़-पौधों की सुरक्षा करनी होगी। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने आसपास एक पौधा अवश्य लगाए। युगल किशोर पंत अपर सचिव पर्यटन ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा आज हम सभी के लिए चुनौती है। हमें अपने जिंदगी में एक पे

विंजो ने 20 मिलियन डॉलर के गेम डेवलपर फंड की घोषणा की

देहरादून। भारत के प्रमुख देशी भाषा के गेमिंग और एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म, विंजो ने वर्ष 2021-22 के लिए विशाल 20 मिलियन डॉलर के गेम डेवलपर फंड की घोषणा की है. यह कंपनी के अंतिम यूजर का अनुभव बढ़ाने और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक तथा व्यापक रूप से अपनाये जाने वाले मोबाइल गेम्स का पोर्टफोलियो खड़ा करने की रणनीति के अनुरूप है। विंजो ने इससे पहले 2019 में 1.5 मिलियन डॉलर का और नवम्बर 2020 में 5 मिलियन डॉलर का फंड घोषित किया था. इसने प्रत्येक डेवेलपर में 100 हज़ार डॉलर से 0.5 मिलियन डॉलर के बीच निवेश किया है. साथ ही उनकी ज़रूरतों के आधार पर रणनैतिक इनपुट्स भी प्रदान किया है। कंपनी ने कहा कि, “हमने इस फंड को अपनी शक्ति और बाज़ार के बारे में समझ के आधार पर गेमिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और गेमिंग परितंत्र को सहारा देने के लिए लॉन्च किया है. हमारी योजना इस 20-22 मिलियन डॉलर के फंड को नए विचारों और एनएफटी मॉडल्स वाले गेम्स को सपोर्ट करने में प्रयोग करने की है. हम पूरे विश्व में नए दौर की तकनीकी संकल्पनाओं में साझेदारी, अधिग्रहण या आंशिक/पूर्ण निवेश में दिलचस्पी रखते हैं. हम इक्विटी और अपने टेक्नो

रिवर्स पलायन व गावों को समृद्ध बनाना मुख्य ध्येयः इंद्रप्रीत

देहरादूना। उत्तराखण्ड में नेशनल लोक कल्याण पार्टी ने आगाज किया। इस दौरान अपनी प्राथमिकता गिनाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार इंद्रप्रीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड को योगा व नेचुरोपैथी का हब बनाना उनका उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पार्टी का दूसरा एजेण्डा प्रदेश में रिर्वस पलायन है। गांवों में रोजगार पैदाकर रिर्वस पलायन किया जा सकता है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 16500 गांव है। जिसमें से पिछले 10 सालों में 5 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। अब तक 3946 ‭पर्वतीय गॉव विरान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जंगलों, वनस्पतियों व जीवों के साथ औषधीय और सुगंधित पौधों से समृद्ध है। राज्य को समृद्ध व संपन्न बनाने वाले आस्था के चारों धाम यहां स्थित है। लेकिन फिर भी यहां के लोग पलायन कर रहे हैं इसमें कही ने कही सरकार के विकास एजण्डे में कमी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में बिजली व पानी की भी प्रचूर मात्रा है लेकिन इसका भी सही पलानिंग के साथ सरकारें इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। इंद्रप्रीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में खेती को लेकर

मैक्स अस्पताल देहरादून में लांच हुआ पहला रेडियल हीलिंग सेंटर

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देहरादूना। कार्डिएक कैथीटेराइजेशन पिछले कई दशकों में एक लंबा सफर तय कर चुका है, जिससे प्रक्रियाओं को सुरक्षित, तेज और ऐसी तकनीकों के साथ बनाया गया है जो बीमारी से ठीक होने के समय को काफी कम कर देती हैं और रोगियों के अनुभव में सुधार करती हैं। इसे रेडियल एक्सेस के माध्यम से प्राप्त किया गया है। रेडियल एक्सेस तब होता है जब पैर या कमर में प्रवेश बिंदु की जगह कलाई में रेडियल धमनी का उपयोग कैथेटर के लिए प्रवेश बिंदु के रूप में किया जाता है। मैक्स-सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ प्रीति शर्मा के अनुसार,भारत में ट्रांस रेडियल एक्सेस धीरे-धीरे बढ़ रहा है क्योंकि ज़्यादातर चिकित्सक रक्तस्राव की जटिलताओं को कम करने, रोगी के आराम में वृद्धि और रिकवरी में तेजी के लिए ट्रांस रेडियल एक्सेस पर स्विच कर रहे हैं। मैक्स सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून रेडियल एक्सेस का एक बड़ा समर्थक है और इसने उत्तराखंड में पहला रेडियल हीलिंग सेंटर बनाकर इस अवधारणा को एक कदम आगे बढ़ाया है। डॉ प्रीति शर्मा ने बताया कि पिछले 15 वर्षों में चिकित्सा सुविधा डिजाइन में एक प्रवृत्ति पारंप

खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाने के मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

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देहरादूना। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए, इसे राज्य की प्राथमिकता बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाया जाए। यह अभियान सिर्फ त्यौहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि अभी राज्य में एक ही फूड टेस्टिंग लैब है, जो कि रूद्रपुर में है। उन्होंने अधिकारियों को देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में भी फूड टेस्टिंग लैब खोले जाने के नर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गढ़वाल एवं कुमाऊं हेतु एक-एक मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही, फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलायी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं

पर्यावरण संरक्षण के लिए बच्चों ने साइकिल चलाकर लोगों को किया जागरूक

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देहरादून। स्वच्छ भारत के लक्ष्य को साकार करने एवं पर्यावरण बचाने की मुहिम को सफल बनाने की दिशा में लोगों को सहभागी बनाने के लिए नत्थनपुर में बच्चों ने कोरोना गाइड लाइन के नियमों का पालन करते हुए साइकिल रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को कामयाब बनाने के लिए नारे लगाकर क्षेत्रवासियों को जागरूक किया। कट्स इंटरनेशनल की पहल पर ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-20121 कार्यक्रम के अन्तर्गत अभिव्यक्ति सोसाइटी के तत्वावधान में मंगलवार को नत्थपुर की राजराजेश्वरी विहार कॉलोनी में बच्चों ने साइकिल रैली निकाली। कॉलोनी को गंदगी मुक्त बनाने स्वच्छ भारत के सपने को सच बनाने के लिए रैली में शामिल बच्चों ने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े नारे भी लगाये। अभिव्यक्ति सोसाइटी की उपाध्यक्ष गीतांजली दत्ता ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा और सहभागी बनकर अपने क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाना होगा। उन्होंने कॉलोनीवासियों प्लास्टिक के कचरे को जलाने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में भी चेताया। स्थानीय निवासी एवं समाजिक सरोकारों से जुड़े डॉ राकेश डंगवाल ने आयोजन को सराहन