सोच से ही सर्वस्व बदलताः स्वयं को सुधारो, स्वयं को सम्भालो, बात बन जायेगीः स्वामी चिदानन्द सरस्वती


ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी और प्रसिद्ध सूफी गायक श्री कैलाश खेर जी ने फिक्की फ्लो द्वारा आयोजित 'स्वयं का सबसे अच्छा संस्करण बनाना' कार्यक्रम में सहभाग किया। चेयरपर्सन फिक्की फ्लो पुणे, रितु प्रकाश छाबड़िया जी ने सभी का जोरदार स्वागत किया। उन्होने बताया कि हमारी टीम महिलाओं, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि हम उद्यमी और पेशेवर महिलाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य कर रहे है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि 'व्यक्ति समाज को जो देता है वहीं उसका बेस्ट है। सौ हाथों से कमाओं और हजार हाथों से बाँटों यही बेेस्ट है। केवल अपने लिये ही जीना जीवन का उत्तम भाग नहीं है, अपने लिये तो जीयें लेकिन समाज के लिये जीना ही श्रेष्ठ है और ऐसे लोग ही अमर होते है। स्वामी जी ने कहा कि अपना जीवन ऐसा बनाये, जिसमें जीवन ही रामायण और गीता बन जाये। रामायण और गीता के पवित्र गं्रथ, उनके दिव्य संदेश किसी और के लिये नहीं बल्कि हमारे जीवन के लियेय जीने के लिये है। उन्होने कहा कि भारत का दर्शन अद्भुत है, अपार दिव्य ग्रंथ है हमारे पास फिर कहीं ऐसा न हो कि मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया अतः ग्रंथ पढ़े और उन्हें आत्मसात भी करे। स्वामी जी ने कहा कि एक बात हमेशा याद रखे कि मेरे विचार और मेरे कर्म ही मेरे जीवन का निर्माण करते है। हमारी जो सोच होगी वैसे ही हमारे कर्म होंगे और हमारा व्यवहार होगा इसलिये सोच को बदले तो सृष्टि बदलेगी और सोच से ही सर्वस्व बदलता है। हमारा एक-एक कर्म केवल हमें ही जीवन नहीं देता बल्कि हमारे प्रत्येक कर्म से किसी का दिल बदलता हैय किसी का दिन बदलता है तो किसी का जीवन बदलता है। अतः हमेशा शुभ कर्म करे, बदी से टले, नेक राह पर चले, नेकी करें और न बुरा करे न बुराई करे इससे धीरे-धीरे जीवन बदलता चला जाता है तथा ऐसा जीवन ही उपयोगी बनता है समाज के लिये सहयोगी बनता है।''

 सूफी गायक कैलाश खेर ने कहा कि मैं, आज जो भी हूँ वह पूज्य स्वामी जी महाराज, परमार्थ निकेतन और ऋषिकेश की वजह से हूँ। मेरे जीवन में जो संगीत आया है, मेरे संगीत में जो दिव्यताय आनन्द और मस्ती आयी है उसमें गंगा के तट ऋषिकेश का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होने कहा कि मेरा प्रयास है कि मेरे इस जीवन और संगीत से समाज के लिये कुछ ऐसा हो, जो लोगों के जीवन को संगीत बनाये और सभी को गले लगाने का मंत्र दे। अब बात चाहे स्वच्छता की हो या फिर संगीत की मेरा जीवन हमेशा इसके लिये समर्पित रहेगा। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष साध्वी भगवती ने कहा कि हमारे पास ईश्वर के द्वारा दिये सबसे सशक्त और मजबूत हथियार है यथा हमारा दिमाग, हमारे हाथ, पैर, जीभ आंखें जिनके द्वारा हम दुनिया के लिये सबसे अच्छा कर सकते है। बस हमें अपने आप को तैयार करना होगा एक बेहतर दुनिया को बनाने के लिये। उन्होने कहा कि हमें अपने खुद का एक श्रेष्ठ संस्करण बनाना है तो सबसे पहले अपने दिमाग को और अपनी सोच को बेहतर बनाना होगा। फिक्की फ्लो द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या की उपस्थित महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण और एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया और पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। साध्वी ने रितु जी और उपस्थित सभी बहनों को परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।

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