Sunday, 17 April 2022

परिवहन मंत्री चंदन राम दास से की चारधाम यात्रा के किराए में 30 प्रतिशत वृद्धि की मांग

ऋषिकेश। परिवहन कंपनियों के संचालकों ने परिवहन मंत्री चंदन राम दास से चारधाम यात्रा के किराए में 30 प्रतिशत वृद्धि करने का मुद्दा उठाया है। हवाला दिया कि पिछले तीन साल में डीजल का दाम 67 प्रतिशत तक बढ़ गया है, लेकिन प्रति यात्री किराया तब से जस का तस है। यातायात पर्यटन विकास सहकारी संघ ऋषिकेश के उपाध्यक्ष नवीन रमोला और श्रीनगर गढ़वाल एकल मार्ग के अध्यक्ष योगेश उनियाल के नेतृत्व में परिवहन कंपनियों का एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून में परिवहन मंत्री चंदन राम दास से मिला। परिवहन कारोबारियों ने मांगपत्र सौंपकर आगामी चारधाम यात्रा के किराये में बढ़ोतरी करने की मांग उठाई। बताया कि कोविड संकट के चलते बीते दो साल चारधाम यात्रा स्थगित रही, इसका सर्वाधिक असर परिवहन व्यवसाय पर पड़ा है। बस मालिक से लेकर चालक, परिचालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। अब जब इस बार चारधाम का आगाज हो रहा तो परिवहन व्यवसाय को महंगाई ने प्रभावित कर दिया है। वर्ष 2019 में डीजल का दाम प्रति लीटर 58 रुपये था जो अब 2022 में बढ़कर 97 रुपये हो गया है। इसी तरह बस की नई चेसिस 73 प्रतिशत, टायर 26 प्रतिशत महंगे होने के साथ ही इंश्योरेंश, टैक्स में भी वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले चार साल से प्रति यात्री किराया नहीं बढ़ा है। परिवहन व्यवसाय को मंदी से उबारने के लिए चारधाम यात्रा के किराये में वृद्धि होनी जरूरी है। परिवहन मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मौके पर डिस्टिक रोड के अध्यक्ष हरीश नौटियाल, ओमप्रकाश रुडोला आदि मौजूद रहे।

ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती प्रदान के लिए के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आएंः गणेश जोशी

देहरादून। गांवों की बेहतरी और ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती प्रदान के लिए के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आएं। ताकि रोजगार और पलायन की समस्या का भी हल निकल सकें। ये कहना है प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी का। कृषि मंत्री रविवार को एप्रोप्रियेट टैक्नोलॉजी इण्डिया (ए0 टी0 इण्डिया) द्वारा संचालित विभिन्न आजीविका कार्यक्रमों की वीडियो फिल्म विमोचन एवं एक दिवसीय कार्याशाला के शुभारंभ के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने ग्रामीण विकास व महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ए0 टी0 इण्डिया संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि संस्था विभिन्न गतिविधियों मुख्यतः मौनपालन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्हांेने भरोसा दिलाया कि संस्था के ग्रामीण विकास की दिशा में किये जा रहे सरानीय कार्याे में उत्तराखंड सरकार सदैव संस्था व पर्वतीय समुदाय के साथ है। इसके उपरांत उन्होंने संस्था द्वारा सिराना व देवभूमिब्रांड के माध्यम से बाजारीकरण हेतु क्षेत्र में उत्पादित उत्पादों काभी अवलोकन किया गया। एटी इण्डिया के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो. एसपी सिंह द्वारा संस्था केउद्देश्यों की प्रप्ति हेतु क्षेत्र में ग्रामीण हितभागियों के लिये किये जा रहे कार्याे व संस्था की भावी रणनिति के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया कि कैसे संस्था विभिन्नि गतिविधियों के माध्यम से महिला आधारित ग्रामीण उद्यमों को विकसित किया जाता है, और इसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र से हो रहे पलायन कोकम करना तथा ग्रामीण व वंचित लोगो, विशेष रूप से युवाओं औरमहिलाओं का क्षमता व कौशल विकास करना है जिससे वह क्षेत्र में स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर हो सके। इसका दीर्घकालिक लक्ष्यपर्वतीय परिदृश्यों की अखंडता को बनाये रखना है जिसमें ग्रामीणसमाज, जैव विविधता संरक्षण और महिलाओं के माध्यम से ग्रामीण उद्यमविकसित करना शामिल है इसी क्रम में माननीय मंत्री जी के माध्यम सेउत्तराखंड सरकार से पर्वतीय महिलाओं के उत्थान हेतु सहयोग की अपील की गई। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने संस्था के कार्याे की सराहना करते हुये ग्रामीण पर्वतीय महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक विकास में किशोर युवतियों को भी शामिल करने पर जोर दिया। डॉ राजेश नैथानी, द्वारा संस्था के द्वारा किये गये कार्याे का उल्लेख करते हुये सरकार व संस्थाओं को कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने की संभावनाओं पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन सुरभि गुम्बर, ए0 टी0 इण्ड़िया द्वारा किया। कार्यक्रम में डॉ0 एस0पी0 सती, डॉ0 राजेश नैथानी, डॉ0 सुरेश खंडुरी,डॉ आर0सी0 ड़गवाल, अर्निका रावत, एच0डी0एफ0सी0 ए0 के यादव, निदेशक रेशम विभाग, डॉ प्रदीप मेहता, स्टेट हैड यू0एन0डी0पी0, विजय डंगवाल, ए0जी0एम0 रेल विकास निगम, सौरभ भट्ट, देवभूमि, संजय बिष्ट, अधिशाषी निदेशक, मानवाधिकार एवम सामाजिक न्याय संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु सचिन जैन आदि उपस्थित रहे।

वडाली ब्रदर्स की प्रस्तुतियों ने विरासत में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

देहरादून। विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 के तीसरे दिन की शुरुआत “ कॉलोनियल एंड अफगान लिंक हेरिटेज वॉक’ के साथ शुरू हुआ, जिसमें गांधी पार्क से लेकर एस्लें हॉल, क्लॉक टावर, सैंट फ्रांसिस चर्च और रेंजर्स कॉलेज तक कि दुरी तय कि गई। सुबह 7 बजे इस वॉक में लगभग 5 किलोमीटर का सफर तय किया गया एवं इन सभी स्थानों के बारे में वॉक कर रहे लोगों को वहां के इतिहास और सभ्यता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। वॉक लीडर ने दून के प्रतिष्ठित क्लॉक टावर के बारे में रोचक तथ्य बताएं जो दुनिया का एकमात्र छह-मुख वाला क्लॉक टावर है। इस कॉलोनियल एंड अफगान लिंक हेरिटेज वॉक’ में लगभग 90 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ एवं उत्तर भारत के युवा वायलिन वादक संतोष कुमार नाहर ने शास्त्रीय संगीत ’हिंदुस्तानी शैली’ पर अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें संतोष कुमार नाहर वायलिन और बाबा भादकर नाथ शहनाई पर जुगलबंदी प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। संतोष कुमार नाहर ने अपनी मधुर स्वर शैली ’गायकी’ को ‘तांत्रिक’ शैली से जोड़कर अपनी गायकी एवं उसकी प्रस्तुति को एक अनोखी पहचान दिलाई है। संतोष कुमार नाहर ने भारतीय शास्त्रीय संगीतकार बाबा भादकर नाथ के लिए भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया हैं एव वे कम उम्र में अपने दादा, ओम प्रकाश जी के संरक्षण में शहनाई और हारमोनियम सीखना शुरू किया और संगीत मार्तंड, पंडित जसराज जी के छात्र भी हैं। वही सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्य प्रस्तुति में वडाली ब्रदर्स लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वडाली ब्रदर्स के एक झलक पाने के लिए डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम में हजारो कि संख्या में लोग पहुचें एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिक लोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी। वडाली ब्रदर्स, पंजाब के सूफी गायकों की एक प्रसिद्ध जोड़ी है जो मूल रूप से पूरनचंद जी और उनके छोटे भाई प्यारेलालजी से मिलकर बना है। पूरनचंद जी ने अपनी संगीत की शिक्षा पटियाला घराने के पंडित दुर्गा दास और उस्ताद बड़े गुलाम अली खान जैसे प्रसिद्ध आचार्यों से प्राप्त की। उन्होंने अपने बेटे लखविंदर को व्यापक शास्त्रीय संगीत प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया है। उनके प्रदर्शनों की सूची में सूफी संत, रोमांटिक लोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा शामिल हैं, आलाप और तान उनके संगीत के महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे अपने पुश्तैनी घर, गुरु की वडाली में रहते हैं, और उन लोगों को संगीत सिखाते हैं जो इसे संरक्षित करने का वादा करते हैं। वे अपने छात्रों से शुल्क नहीं लेते हैं और परमात्मा को समर्पित बहुत ही सरल जीवन जीते हैं। कालसी से आय हुए पौष्टिक ग्रामोद्योग संस्था की ओर से विरासत में स्टॉल लगाया गया है जहां पर देहरादून के लोगो के लिए पहाड़ी पारंपरिक स्नैक्स, अरसे, झंगौर की बर्फी, दलिया, राजमा, मल्टीग्रेन नमकीन आदि रखा गया है जो लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। पौष्टिक ग्रामोद्योग संस्था के स्टॉल मे मौजुद महिला ने बताया कि हमारी संस्था महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है और हमारे यहां केवल महिला कर्मचारी ही काम करती है। उन्होंने बताया कि हमारा उतपाद पूरी तरह से जैविक हैं जो पहाड़ी खेतों से सीधे प्राप्त किया जाता है। इस 15 दिवसीय महोत्सव में भारत के विभिन्न प्रांत से आए हुए संस्थाओं द्वारा स्टॉल भी लगाया गया है जहां पर आप भारत की विविधताओं का आनंद ले सकते हैं। मुख्य रूप से जो स्टाल लगाए गए हैं उनमें भारत के विभिन्न प्रकार के व्यंजन, हथकरघा एवं हस्तशिल्प के स्टॉल, अफगानी ड्राई फ्रूट, पारंपरिक क्रोकरी, भारतीय वुडन क्राफ्ट एवं नागालैंड के बंबू क्राफ्ट के साथ अन्य स्टॉल भी हैं।

Friday, 15 April 2022

जाखधार मंदिर में धधकते हुए अंगारों पर नाचे जाख देवता

गुप्तकाशी। जाखधार मंदिर में जाख देवता अपने नए पश्वा सच्चिदानंद पुजारी पर अवतरित हुए और धधकते अंगारों पर नृत्य किया। हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी बने। भक्त यज्ञकुंड की राख को प्रसाद रूप में अपने घर ले गए। शाम को विधि-विधान के साथ भगवान जाख देवता की मूर्ति को परंपरानुसार विंध्यासनी मंदिर में विराजमान किया गया। साथ ही दो दिवसीय जाख मेला भी संपन्न हो गया। शुक्रवार को बैसाख दो गते जाख देवता के पश्वा सच्चिदानंद पुजारी भक्तों के साथ गंगा स्नान के बाद नारायणकोटी, कोटेड़ा गांव होते हुए दोपहर बाद लगभग विंध्यासनी मंदिर देवशाल पहुंचे। यहां पर देवशाल के ब्राह्मणों ने भगवान जाख देवता की विशेष पूजा-अर्चना कर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया। यहां से ढोल-दमाऊं की थाप व जयकारों के बीच भगवान जाख देवता जाखधार स्थित मंदिर पहुंचे, जहां पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों व जागर और मांगल गीतों के साथ मौजूद हजारों भक्तों ने आराध्य का स्वागत किया गया। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भगवान जाख देवता अपने पश्वा सच्चिदानंद पुजारी पर अवतरित हुए और धधकते अंगारों पर नृत्य किया। शुक्रवार को नारायणकोटी, कोठेड़ा और देवशाल के ग्रामीण वीरभद्र मंदिर नारायणकोटी में एकत्रित हुए। इस दौरान जैसे ही ढोल-दमाऊं की थाप शुरू हुई भगवान जाख देवता अपने नए पश्वा सच्चिदानंद पुजारी पर अवतरित हुए। इस दौरान जाख देवता मंदिर व आसपास के क्षेत्र में रुक-रुककर हल्की बारिश हुई। जैसे ही जाख देवता ने मंदिर में प्रवेश किया, वैसे ही मौसम में सुधार होने लगा। मान्यता है कि प्रतिवर्ष जाख मेले में बूंदाबांदी या बारिश जरूर होती है, जिसे स्थानीय लोग सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। आचार्य स्वयंवर प्रसाद सेमवाल, योगेंद्र देवशाली, विनोद देवशाली, महेंद्र देवशाली आदि ने बताया कि भगवान शिव के लिंग को नेपाल के कालकोट स्थान से यहां लाया गया था। मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव द्वारा इस लिंग को जाखधार में स्थापित करने का आदेश दिया गया था।

Sunday, 10 April 2022

विद्यालयों में निःशुल्क एडमिशन कोटा बढ़ाओ सरकारः मोर्चा

-आरटीई के तहत होने वाले दाखिलों का 25 फ़ीसदी कोटा है बहुत कम -प्रदेश के सरकारी विद्यालय सिर्फ नाम मात्र के -कोटा कम होने की वजह से कई बच्चे दाखिला लेने से वंचित विकासनगर, गढ़ संवेदना न्यूज। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को निरूशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के मिशन के तहत निजी विद्यालयों आदि में एडमिशन का कोटा 25 फ़ीसदी निर्धारित कर रखा है, जोकि वर्तमान हालात के हिसाब से बहुत कम है। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में श्री नेगी ने कहा कि अधिकांश सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा एवं लचर व्यवस्था के चलते जनता ने इन सरकारी विद्यालयों से मुंह मोड़ लिया है तथा एक गरीब मजदूर /साधनविहीन व्यक्ति भी इन विद्यालयों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते। आलम यह है कि अधिकांश विद्यालयों में अध्यापक नहीं है तथा जहां अध्यापक हैं उनको अन्य इतनी जिम्मेदारियां दे रखी हैं कि उनको छात्रों को पढ़ाने का समय ही नहीं मिल पाता। नेगी ने कहा कि गरीब मां-बाप का भी सपना होता है कि अपने बच्चों को अच्छे विद्यालय में पढ़ाएं तथा अच्छी शिक्षा हासिल कराएं, लेकिन अपनी माली हालत की वजह से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि तत्काल एडमिशन कोटा बढ़ाकर अन्य गरीबों को भी इसका लाभ प्रदान करें। पत्रकार वार्ता में-अमित जैन व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।

Friday, 8 April 2022

गढ़वाल सभा ने डा. निधि उनियाल प्रकरण की जांच अधिकारी के छुट्टी पर चले जाने पर उठाया सवाल

देहरादून। अखिल गढ़वाल सभा देहरादून द्वारा डॉ निधि उनियाल प्रकरण के संबंध में उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में एक प्रेस वार्ता की जिसमें सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना एवं महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि आज लगभग 10 दिन बीत जाने के बावजूद डॉ निधि उनियाल प्रकरण में सरकार द्वारा एक समिति का गठन करना और समिति के अध्यक्ष मनीषा पंवार का छुट्टी पर चले जाना क्या दिखाता है। यह हम सभी भली-भांति जानते हैं, हमें बड़ा अफसोस होता है कि जिन डॉक्टरों ने कोरोना काल में विशेषकर डॉ निधि उनियाल जैसे डॉक्टरों ने दिन रात एक कर के जनमानस की मदद की आज उन्हीं देव तुल्य डॉक्टर के साथ ऐसा अशोभनीय बर्ताव किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, जहां उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में पहाड़ों में डॉक्टरों की भारी कमी है जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है वहीं दूसरी ओर देहरादून में डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारियों के गलत व्यवहार से क्षुब्ध होकर नौकरी छोड़ने पर विवश हो रहे हैं यह उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना एवं महासचिव गजेंद्र भंडारी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से निवेदन किया है कि डॉ निधि उनियाल प्रकरण का तुरंत संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर पंकज पांडे एवं दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सयाना को अविलंब हटा दें जिससे प्रदेश की जनता एवं ईमानदारी से कार्य करने वाले कर्मचारियों में अच्छा संदेश जाए। सभा के उपाध्यक्ष एवं आंदोलनकारी निर्मला बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रही है लेकिन आज जिस तरह से डॉ निधि उनियाल से स्वास्थ्य सचिव के घर में उनकी धर्मपत्नी द्वारा अशोभनीय बर्ताव किया जाना और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा डॉ निधि उनियाल को माफी मांगने के लिए मजबूर किया जाना यह उत्तराखंड की महिलाओं का अपमान है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, सभा मांग करती है की स्वास्थ्य सचिव की धर्मपत्नी लिखित रूप से डॉ निधि उनियाल से माफी मांगे। सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना एवं महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि हम डॉक्टर निधि उनियाल प्रकरण में सभी सामाजिक संगठनों एवं प्रदेश के संभ्रांत एवं जागरूक लोगों से इस विषय पर विचार विमर्श करेंगे और बहुत जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एक शिष्टमंडल मिलेगा। इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट महासचिव गजेंद्र भंडारी सह सचिव दिनेश बौड़ाई, कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, संगठन सचिव डॉ सूर्य प्रकाश भट्ट, कार्यकारिणी सदस्य कुसुम लता शर्मा, उदवीर सिंह पंवार, नरेश उनियाल, वीरेंद्र सिंह रावत, अनुज भट्ट, आदि उपस्थित थे।

Wednesday, 6 April 2022

भक्तों की अटूट आस्था का केन्द्र कुंजापुरी मंदिर

टिहरी। कुंजापुरी देवी मंदिर देवी कुंजापुरी मां को समर्पित सुंदर रमणीक स्थलों में से एक है। पर्वत की चोटी पर स्थित मन्दिर से इसके चारों ओर प्रकृति की सुंदर छ्टा के दर्शन होते हैं। समुद्रतल से लगभग १६४५ मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मन्दिर से आप कई महत्वपूर्ण चोटियों जैसे उत्तर दिशा में स्थित बंदरपूंछ (६३२० मी), स्वर्गारोहिणी (६२४८ मी.), गंगोत्री (६६७२ मी.) और चौखम्भा (७१३८ मी.) को देख सकते हैं। दक्षिण दिशा में यहां से घाटी में स्थित ऋषिकेश, हरिद्वार और आस पास के संपूर्ण क्षेत्र का भव्य एवं नयनाभिराम दृश्य दिखाई देता है। मन्दिर की पौराणिकता के संदर्भ में स्कन्दपुराण, केदारखण्ड से प्राप्त विवरण के अनुसार जब देवी सती के प्रजापति दक्ष के हवन कुण्ड में अपनी बलि देने के पश्चात शोकमग्न भगवान शिव ने देवी सती के जलते हुये शरीर को उठाकर विचरण करना शुरू किया तो इस स्थान पर देवी का वक्षभाग (कुंज) गिरा था इसी लिये इसे कुंजापुरी के नाम से जाना गया और इसकी गणना भारतवर्ष में स्थित 52 शक्तिपीठों में होती है। कुंजापुरी शक्तिपीठ ५२ शक्तिपीठों में से एक है। यह मन्दिर भक्तों की अटूट आस्था का केन्द्र है। कहा जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। पार्किंग स्थल के पास मन्दिर का पहला प्रवेशद्वार स्थित है जो कि मन्दिर को सेना की १५९ फील्ड रेजिमेन्ट (कारगिल), नरेन्द्रनगर यूनिट ने अप्रैल २००९ में समर्पित किया था। मन्दिर तक पहुंचने के लिये इस प्रवेश द्वार से २०० मीटर की चढ़ाई ३०८ सीढ़ियां चढ़कर पूरी करनी पड़ती है। मन्दिर के मुख्य प्रवेशद्वार जो कि मन्दिर परिसर के समीप स्थित है, पर देवी मां के वाहन सिंह तथा हाथियों के मस्तक की दो-दो मूर्तियां बनी हुई हैं। मुख्य मन्दिर ईंट तथा सीमेन्ट का बना हुआ है जिसकी वास्तुकला शैली आधुनिक मन्दिरों की तरह ही है। मन्दिर के गर्भगृह में देवी की कोई मूर्ति स्थापित नहीं हैं परन्तु अन्दर एक शिलारुप पिण्डी स्थापित है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर देवी का वक्षभाग गिरा था। गर्भ गृह में ही एक शिवलिंग तथा गणेश जी की एक प्रतिमा प्रतिष्ठित है। मन्दिर में निरंतर अखन्ड ज्योति जलती रहती है। मन्दिर परिसर में मुख्य मन्दिर के अलावा एक और भव्य मन्दिर स्थापित है जिसमें भगवान शिव, भैरों, महाकाली तथा नरसिंह भगवान की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। मन्दिर परिसर में सिरोही का एक वृक्ष है जिस पर कि भक्तगण देवी मां से मन्नत मांगकर चुन्नियां तथा डोरियां बांधते हैं। वर्ष भर आस-पास के क्षेत्रों के नवविवाहित युगल मन्दिर में आकर सुखी दाम्पत्य जीवन की अभिलाषा हेतु देवी मां से आशीर्वाद ग्रहण करने आते रहते हैं। इस मन्दिर में भण्डारी जाति के राजपूत लोग होते हैं जिनका पैतृक मूल ग्राम बड़कोट, पट्टी धवानस्यूं जिला टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत है। इन लोगों को मन्दिर में बहुगुणा जाति के ब्राह्मणों द्वारा शिक्षा दी जाती है। पुजारी का कार्य पिछली पांच पीढ़ियों से एक ही वंश के लोगों द्वारा किया जाता है। मन्दिर में प्रतिदिन प्रातरू ६रू३० और सांय ५रू०० से ६रू३० तक आरती का अयोजन किया जाता है। चौत्रीय तथा आश्विन नवरात्र के अवसर में मन्दिर में विशेष हवन पूजन का अयोजन किया जाता है। वर्ष १९७२ से आश्विन नवरात्र के दौरान मन्दिर में कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का अयोजन किया जा रहा है। यह इस क्षेत्र के सबसे बड़े पर्यटक आकर्षण केन्द्रों में से एक है। इसमें आस-पास के क्षेत्रों से ही नहीं अपितु दूर दूर से दर्शक आकर इस पर्व के साक्षी बनते हैं। यह मेला श्रद्धा, आद्यात्मिकता के साथ-साथ पर्यटन तथा विकास को भी बढ़ावा देता है। वैसे तो पर्यटकों हेतु यह मन्दिर वर्ष भर खुला रहता है परन्तु वर्षा ऋतु में जून मध्य से सितंबर माह तक मन्दिर के आसपास घना कोहरा लगा रहने के कारण मन्दिर से विस्तृत हिमालय के तथा आस पास के संपूर्ण क्षेत्र का भव्य एवं मनोहारी दर्शन नहीं हो पाते हैं। मन्दिर परिसर में गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा निर्मित एक गेस्ट हाऊस व एक मन्दिर की एक धर्मशाला स्थित है जहां पर आने वाले यात्रीगण रूक सकते हैं परन्तु भोजन इत्यादि की व्यवस्था स्वयं करनी होती है।

DM ने कृषक उत्पादक संगठन अनुश्रवण समिति की बैठक ल

रुद्रपुर। जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) निर्माण, संवर्धन योजना अंतर्गत जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की ली। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इन महत्वपूर्ण योजनाओं से जहां जिले में कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्र का विकास होगा साथ ही इसके अलावा कई नई कृषि आधारभूत संरचनाओं का भी सृजन एवं संवर्धन होगा। कृषकों की आय बढ़ाने में दोनों केंद्रीय योजनाएं मददगार साबित होंगी। जिलाधिकारी ने डीडीएम नाबार्ड को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रथम वर्ष की एफपीओ गठन की उपलब्धियां सूचीवार बनाकर आगामी बैठक में प्रस्तुत करना सुनिश्चत करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि संगठनों के लिए बनाए जा रहे बिजनेस प्लान को भी आगामी बैठक में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ताकि कृषि से सम्बन्धित रेखीय विभागों के अधिकारियों से भी सुझाव लेते हुए उनके उनके महत्वपूर्ण सुझाव भी बिजनेस प्लान में शामिल किये जा सकें। डीडीएम नाबार्ड राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि सेन्ट्रल सैक्टर स्कीम के अन्तर्गत जनपद में कृषक उत्पाक संगठन बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एफपीओ का गठन कार्य पांच वर्षों में पूरा होगा। प्रथम वर्ष में बेस लाइन सर्वे, किसानों का चयन किया जायेगा साथ ही एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कम्पनी अधिनियम या सोसाईटी अधिनियम के अन्तर्गत किया जायेगा। इन संगठनों के काम को सम्पादित करने के लिए एफपीओ के सीईओ का चयन किया जायेगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, जिला विकास अधिकारी डॉ.महेश कुमार, सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार छिमवाल, मुख्य पशुपालन अधिकारी डॉ.जीएस धामी, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा, टाई एंड डाई में सोनाक्षी और रंगोली में काजल रहीं विजेता

टिहरी। पीजी कॉलेज गृह विज्ञान विभाग की विभागीय परिषद की पहल पर टाई एंड डाई, व्यंजन और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। व्यंजन प्रतियोगिता में एमए तृतीय सेमेस्टर की पूजा चौहान, टाई एंड डाई में बीए प्रथम वर्ष की सोनाक्षी राज और रंगोली में काजल विजेता बनी। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम का प्राचार्य डा. रेनू नेगी ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत उन्हें उचित अवसर देने की है। गृह विज्ञान विभाग की डा. पुष्पा कुमारी ने बताया कि प्रतियोगिता कराने का लक्ष्य प्रतिभागियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। व्यंजन प्रतियोगिता में पूजा चौहान प्रथम, एमए प्रथम सेमेस्टर की लाइसा खान द्वितीय और बीए द्वितीय वर्ष की काजल तृतीय रही। टाई एंड डाई प्रतियोगिता में सोनाक्षी राज प्रथम, बीए प्रथम वर्ष की विनीता द्वितीय और बीए प्रथम वर्ष की अलीशा तृतीय रही। वहीं रंगोली प्रतियोगिता में काजल प्रथम, रूपाली द्वितीय और शीतल रावत तृतीय रही। विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डा. प्रीति, डा. इंदिरा जुगरान, डा. कविता काला, डा. रजनी गुसाईं, डा. साक्षी शुक्ला, डा. माधुरी कोहली, मीना चौहान, मधुबाला और बीना आदि उपस्थित रही।

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मुनस्यारी: उत्तराखंड का मिनी कश्मीर

मुनस्‍यारी: मुनस्‍यारी विशाल हिमालय की तलहटी पर स्थित उत्तराखंड का खूबसूरत हिल स्टेशन है। राज्य के पिथौरागढ़ जिले के अंतर्गत यह पहाड़ी गंतव...