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Showing posts from June, 2022

चारधाम यात्राः एक माह में 16 लाख से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड पहुंच चुके

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देहरादून,गढ़ संवेदना न्यूज। अन्य सालों के मुकाबले इस साल भारी संख्या में यात्री एवं श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। 1 माह में यात्रियों की संख्या 16 लाख तक पहुंच चुकी है। 4 जून तक चारधाम यात्रा पर आये यात्रियों की संख्या लगभग 1611598 थी। पुुलिस द्वारा यात्रा के दौरान बिछडे़ 920 यात्रियों को उनके साथ आये श्रद्धालुओं से मिलाया गया, यात्रा के दौरान 300 यात्रियों को रेस्क्यू कर उनका जीवन बचाया गया। 130 यात्रियों के गुम हुये सामान को वापस कराया गया। राज्य में पहली बार यात्रा मार्गों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएं की गई हैं। अभी तक 87 यात्रियों को स्क्रीनिंग उपरान्त वापस लौटाया गया है। 381 रोगियों को एंबुलेंस सेवा प्रदान की गई है तथा 5000 से अधिक यात्रियों को आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान की गयी है। रविवार को देहरादून स्थित सचिवालय, मीडिया सेंटर मंे अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव राधिका झा, प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय), महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान द्वारा चार धाम से संबंधित जानकार

फूलों का अद्भुत संसार, यहां खिलते हैं 500 से ज्‍यादा प्रजाति के फूल

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देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज । उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी फूलों का अद्भुत संसार है। यहां 500 से ज्‍यादा प्रजाति के फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। फूलों की घाटी में दुनिया के दुर्लभ प्रजाति के फूल, वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां और पक्षी पाए जाते हैं। इस घाटी को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के बाद यूनेस्‍को ने 2005 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा दिया। फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है। घाटी की खोज वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंकस्मित ने की थी। वर्ष 1937 में फ्रैंकस्मित ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को दुनिया के सामने रखा। फूलों की घाटी 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली हुई है। वहीं यहां सीजन में हर साल देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। फूलों की घाटी में दुनियाभर में पाए जाने वाले फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं। हर साल देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यह घाटी आज भी शोधकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र है। गढ़वाल के ब्रिटि