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वीर सेनापति कल्याण सिंह का जिक्र किये बिना स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधूरा: उप राष्ट्रपति

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हरिद्वार। शहीद राजा विजय सिंह स्मारक एवं कन्या शिक्षा प्रसार समिति ग्राम कंुजा बहादुरपुर द्वारा आयोजित स्मृति दिवस कार्यकम में पहंुच आज  उप राष्ट्रपति वैकंया नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गांव के बलिदान को गौरवशााली बताया। उन्होंने कहा कि इस गांव के लोगों में देशभक्ति भरी है। ये ऐसा गांव है जिसके घर में आज की पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की वंशज है। हमें ऐसे महान देशभक्तों पर गर्व करना चाहिए। उन शहीदों का बलिदान ही आज हमें यहां तक लेकर आया है। उन्होंने कहा कि राजा विजय सिंह के वीर सेनापति कल्याण सिंह का जिक्र किये बिना स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधूरा है। हमारी स्वतंत्रता के लिए उन शहीदों ने बलिदान दिया है। हमारे यहां आने का उद्देश्य यह ही है कि इन शहीदों के पराक्रम की गाथा सभी तक पहुंचे और युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा मिले। उन्हांेने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार पहल करे कि उत्तराखण्ड कंुजा बहादुरपुर जैसी सभी शौर्य गाथाओं को भावी पीढ़ी को बताया जाये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से भी यह पहल देशभर के वीरों के लिए की जानी चाहिए। भारत के ऐसे महान पुरूष

शिक्षा हमें संस्कारवान व सामर्थ्यवान बनाती: उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू

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-समृद्ध भारत के निर्माण में सहयोगी बनें युवा   देहरादून। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस)  के 17 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू ने कहा कि शिक्षा हमें संस्कारवान व सामर्थ्यवान बनाती है। उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व अनुशासन से ही सपने साकार होते हैं। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। हमें अपनी संस्कृति व परम्पराओं पर भी गर्व होना चाहिए। भारतीय संस्कृति का आधार सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया व वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रही है। भारतीयों के डीएनए में ही सर्वधर्म समभाव है। हमारी अनेक भाषाएं, बोलियां हो सकती हैं परंतु देश एक ही है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी समृद्ध परम्पराओं को कायम रखना होगा इसके लिये युवाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हमारा युवा देश है हमारी आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा 25 वर्ष से कम आयु के युवाओं का है। हमारे ये युवा देश के स्थायी विकास तथा तकनीकि दक्षता के वाहक बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा देश शिक्षा का केन्द्र रहा है। नालन्दा जैसे

स्वतंत्रता सेनानी ग्राम देवलाड़ सड़क सुविधा से वंचित

पौड़ी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्राम देवलाड़ के ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित हैं। इस गांव में करीब 500 की जनसंख्या है। शासन की नीति के अनुरूप स्वतंत्रता सेनानी ग्राम को सड़क आदि सुविधाएं मुहैया कराना शासन का दायित्व है। इसी नीति के तहत नैनीडांडा ब्लाक व धुमाकोट तहसील के ग्राम देवलाड़घ् को भी सड़क सुविधा से जुड़ना था।  देवलाड़ निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आजाद हिंद फौज के फौजी स्व. मखराम बलोदी के नाम पर गांव के लिए काशीपुर बुआखाल हाईवे के किमी 93 से 3 किमी मोटर मार्ग की स्वीकृति 2015 में हुई थी लेकिन पांच साल बाद भी सड़क नहीं बन पाई। शासन तथा विभाग की लापरवाही के चलते सड़क निर्माण अधर में लटका हुआ है। ग्राम विकास समिति देवलाड़ के अध्यक्ष जेएन बलोदी का कहना है कि गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग लंबे समय से की जा रही है। 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी को ज्ञापन भेजकर सड़क निर्माण की मांग की गई। तब से लेकर समय-समय पर लगातार शासन से मांग करते रहे हैं। विधायक दिलीप रावत के माध्यम से सड़क का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। 2015 में सीएम के निर्देश पर तीन किमी सड़क स्वीकृत हुई इसके बाव

राजस्व अफसर रहें नए कानूनों से अपडेट

पौड़ी। राजस्व क्षेत्रों में घटित अपराधों की विवेचनाओं में किसी तरह की त्रुटि न रहे इसके लिए राजस्व पुलिस अफसरों का पौड़ी में प्रशिक्षण शुरू हो गया। प्रशिक्षण का मकसद कानूनों में हुए संशोधनों के साथ ही नए बने कानूनों की पूरी जानकारी देना है। ताकि विवेचना के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में किसी तरह की कमी न रह जाए। प्रशिक्षण चरणवार दिया जाएगा।  इस ट्रेनिंग में जिले की सभी 13 तहसीलों के नायब तहसीलदार से राजस्व उपनिरीक्षक तक के अधिकारी शामिल हैं। डीएम पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल के निर्देशों के तहत भू लेख अनुभाग ने छह चरणों में टे्रनिंग का आयोजन किया है। शुक्रवार को पहले चरण का प्रशिक्षण पौड़ी प्रेक्षागृह में शुरू की गई। जिसमें एसपीओ श्रद्धा रावत, जिला शासकीय अधिक्वता अवनीश नेगी, सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप भट्ट आदि ने राजस्व पुलिस अफसरों को आईपीसी,आर्म्स एक्ट, पोस्को, साइबर क्राइम, जुबेनाइल जस्टिस, एसिड अटैक, आबकारी अधिनियम आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि विवेचनाओं के लिए किस तरह से साक्ष्यों को जुटाने में सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही इस दौरान होने वाली कमियों को दूर

श्राईन बोर्ड के पुरजोर विरोध में हैं पुरोहित समाज

टिहरी। त्रिवेंद्र सरकार के प्रस्तावित चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक को तीर्थपुरोहित समाज धार्मिक क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप मान रहा है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार नारायणदत्त तिवारी सरकार ने भी इस तरह का विधेयक लाने का प्रयास किया गया था। जिसे चारधाम तीर्थ पुरोहित समाज के कड़े विरोध के चलते विधानसभा पटल तक नहीं लाया जा सका था। श्राइन बोर्ड के अधीन प्रमुख तीर्थस्थलों को लाये जाने से इससे जुड़े हजारों परिवारों की रोजी-रोटी से बेदखल होने की आशंका जतायी जा रही है। तीर्थपुरोहितों का एक वर्ग इसे जनविरोधी भी बता रहा है। उनके अनुसार हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार उन्हें पुरातन समय से जो हक हकूक मिले हैं। वह बोर्ड बनने के बाद सुरक्षित नहीं रहेंगे, इसको लेकर वर्तमान सरकार ने आश्वस्त भी नहीं किया है। उधर युवा तीर्थ पुरोहित संगठन का कहा है कि सरकार परंपरागत धार्मिक अधिकारों को बोर्ड बनाकर खत्म करना चाहती है। इसको युवा तीर्थ पुरोहित किसी तरह सहन नहीं कर सकते। तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधरियों ने बोर्ड को उनके धार्मिक, पारंपरिक, वैधानिक हितों पर कुठाराघात करने वाला बताया जा रहा है। चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकू

गुलगुनी धूप खिली, ठंड से मिली कुछ राहत

टिहरी। दो दिन की बारिश के बाद जिले में गुनगुनी धूप खिली। जिससे लोगों को ठंड से राहत मिली। बारिश के दौरान धनोल्टी क्षेत्र में मामूली बर्फबारी हुई। जिले के प्रतापनगर, घनसाली व चंबा क्षेत्र में ठंड के बाद धूप खिलने से लोग धूप का आनंद लेते दिखे। बीते दो दिनों तक पड़ी ठंड के बाद टिहरी व आस-पास के क्षेत्रों में सुबह से गुनगुनी धूप खिली। जिससे स्थानीय लोगों ने तेज ठंड से राहत महसूस की। दोपहर में लोग धूप में चंबा, घनसाली, नई टिहरी व बौराड़ी क्षेत्र में बैठे व घूमते दिखे। यकायक बढ़ी से ठंड से बचने के लिए लोगों ने गर्म कपड़ों का सहारा लिया। बारिश के बाद सूखी ठंड से जहां लोगों को राहत मिली है।

पांचवें धाम सेम नागराजा के त्रिवार्षिक मेले का समापन

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  टिहरी। देवभूमि के पांचवें धाम सेम नागराजा के त्रिवार्षिक मेले का भव्य तरीके से समापन किया गया। मेले के समापन में मुख्य अतिथि प्रतापनगर विधायक विजय पंवार और विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री रोशनलाल सेमवाल मौजूद रहे। हालांकि इससे पहले कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। लेकिन, निजी कारणों के चलते वे नहीं पहुंच पाए। सेम नागराजा के त्रिवार्षिक मेला कार्यक्रम में 11 विभागों के स्टॉल लगाए गए थे। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने देव डोलियों के दर्शन किए. 20 नवंबर से श्रद्धालुओं का पांचवें धाम सेम नागराजा पहुंचने का सिलसिला जारी था। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो इस बार शासन-प्रशासन की उचित व्यवस्थाओं के चलते जाम जैसी स्थितियां सामने नहीं आईं। वहीं श्रद्धालुओं को भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। कार्यक्रम में जिला अधिकारी वी षणमुगम ने शिरकत की और मेले की व्यवस्था का जायजा लिया।