देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून द्वारा सह-सहयोगी संस्था सरस्वती जनकल्याण एवं स्वरोजगार संस्था के सहयोग से राष्ट्रीय हिमालय अध्ययन मिशन, पर्यावरण विकास संस्थान, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा भारत सरकार से स्वीकृत परियोजना के अन्तर्गत 05 मार्च तक बांस एवं रिंगाल उद्यमियों के उत्पादों के मूल्यवर्धन हेतु सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नांगल बुलन्दावाला, डोईवाला ब्लाॅक देहरादून में किया जा रहा है। इस सात दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन डा0 संतन बर्थवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एफ.आर.आई., नेहा (ग्रामप्रधान), ए0डी0 डोभाल, उप निदेशक, प्रदीप डोभाल एवं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा रिंगाल बांस शिल्प को नये डिजाईन द्वारा किस प्रकार आगे बढ़ाया जा सकता है व रिंगाल के मूल्य संवर्धन उत्पाद बनाने हेतु सुझाव दिया गया। यूसर्क के निदेशक प्रो0 एम0पी0एस0 बिष्ट के द्वारा प्रशिक्षणों की स्थानीय संसाधनों पर आधारित आजीव