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निर्वतमान पुलिस महानिदेशक का बयान कांग्रेस के आरोपों की पुष्टिः #कांग्रेस #प्रवक्ता #शीशपाल सिंह बिष्ट

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश के निर्वतमान पुलिस महानिदेशक सेवानिव्त्त के समय उस कडवे सच को स्वीकार कर गये हैं। जो सच कांग्रेस लगातार कह रही थी। कांग्रेस पार्टी लम्बे समय से कहती आ रही है कि प्रदेश में भूमाफिया, शराब माफिया और खनन माफिया हावी हैं और उक्त माफियाओं के दबाव में सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटी अंकिता भण्डारी प्रकरण में वीआईपी अपराधी कौन है इसका आजतक खुलासा नही हो पाया है। इस मामले में सरकार लगातार लीपापोती कर रही है यह प्रदेश की जनता भलीभॉति जानती है। शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण के मास्टर माइण्ड हाकम का हाकिम कौन है यह भी प्रदेश की जनता लगातार पूछ रही है लेकिन आज तक उसका भी जबाव नही मिला है। चिकित्सा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में किस तरह से मनमानी की यह किसी से छुपा नही है, 89 प्रतिशत नम्बर लाने वाले अर्भीयर्थियों का चयन नही हुआ और मंत्री पुत्री 6 नम्बर लाकर भी नियुक्ति पा गई यह किसी से छुपा नही है हरिद्वार में पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के सन्तों ने प्रधानम...

लोहाघाट स्थित अद्वैत मायावती आश्रम में ठहरेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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देहरादून, (गढ़ संवेदना)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा इस बार बेहद खास रहने वाला है। पीएम मोदी लोहाघाट स्थित अद्वैत मायावती आश्रम में ठहरेंगे। यहां 122 साल में पहली बार रात्रि विश्राम को स्वामी विवेकानंद का कमरा खुलेगा। प्रधानमंत्री मायावती आश्रम में करीब 20 घंटे रुक सकते हैं। स्वामी विवेकानंद के कमरे में 122 साल बाद दूसरा व्यक्ति रात्रि विश्राम करेगा। स्वामी विवेकानंद 1901 में मद्रास से यात्रा पर निकले थे। 3 जनवरी 1901 को लोहाघाट के अद्वैत आश्रम पहुंचे। स्वामी विवेकानंद ने आश्रम में 15 दिनों तक रहकर योग साधना की थी। योग और साधना के लिए स्वामी विवेकानंद को आश्रम में दो कमरे आवंटित किए गए थे। इसके बाद से उनके रात्रि विश्राम वाले कमरे में ठहरने की अनुमति किसी को नहीं दी गई। हालांकि इस शताब्दी वर्ष में कई बड़ी शख्सियत आश्रम का भ्रमण कर चुकी हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस आश्रम में रात्रि विश्राम कर चुके हैं, लेकिन स्वामी विवेकानंद वाले कमरे में नहीं। जिस कमरे में स्वामी विवेकानंद ने रात्रि विश्राम किया था, उस कमरे में पीएम नरेंद्र मोदी रात्रि...

"नमः रिजॉर्ट जिम कॉर्बेट, अ मेंबर ऑफ रेडिसन इंडिविजुअलस" डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भारत के लोगों की पहली पसंद- मेधातिथि भट्टाचार्जी

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रदेहरादून, गढ संवेदना न्यूज। हमारा उत्तराखंड पूरे भारतवर्ष में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहली पसंद बन चुकी है। हमारे इस उत्तराखंड में ईश्वर का अंश एवं प्रकृति दोनों समानांतर रूप से हर तरफ दिखाई देती है जहां एक तरफ चार धाम यात्रा, गंगा, यमुना, हरिद्वार , ऋषिकेश के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थल पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त कर चुका है एवं विश्व भर से लोग हमारे उत्तराखंड में दर्शन के लिए आते हैं। वहीं दूसरी ओर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क , नंदा देवी नेशनल पार्क , गंगोत्री नेशनल पार्क एवं वैली ऑफ फ्लावर नेशनल पार्क मौजूद है एवं दुनिया के हर कोने से सैलानी यहां पर अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं। पर्यटक के इस यात्रा को और रोमांचित और यादगार बनाने के लिए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर कोसी नदी के किनारे नमः रिजॉर्ट जिम कॉर्बेट, अ मेंबर ऑफ रेडिसन इंडिविजुअलस के द्वारा निर्माण किया गया है , जो कि पर्यटकों के इस यात्रा को और रोमांचक और यादगार बना रहा है। मेधातिथि भट्टाचार्जी " जनरल मैनेजर" नमः रिजॉर्ट जिम कॉर्बेट, अ मेंबर ऑफ रेडिसन इंडिविजुअलस, बताते हैं पर्यटक "नमः ...

सगंध पौधों की खेती से बदल सकती किसानों की तकदीर

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देहरादून। परंपरागत खेती के बजाए यदि किसान सगंध पौधों की खेती करें तो उनकी तकदीर बदल सकती है। सगंध पौधों की खेती के लिए न ज्यादा पानी की जरूरत होती है और न ही इसको जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं। सगंध पौधों की खेती लाभकारी साबित हो रही है, जिस कारण किसान इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। ये किसान मुख्य रूप से लेमनग्रास, जपानी मिंट, रोज, कैमोमाइल, तेजपात, गेंदू, गुलाब, पामारोज, खस, डेमस्क, जिरेनियम, काला जीरा, तेजपत्ता, तिमूर, चंदन, कोमोमाइल, सिट्रोनेला, पामारोजा, तुलसी, गेंदा, जेरेनियम, स्याहजीरा, आर्टीमीशिया की खेती कर रहे हैं। सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र (कैप) ने वर्ष 2004 में सगंध पौधों की खेती को लेकर 15 किसानों से जो पहल शुरू की थी, उसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। मौजूदा समय में राज्य में लगभग 21 हजार किसान सगंध पौधों की खेती से जुड़ चुके हैं। 7652 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सगंध फसलों की खेती की जा रही है और सालाना टर्नओवर है 85 करोड़ है। इनमें सुदूर पर्वतीय क्षेत्र के सीमांत एवं लघु कृषक शामिल हैं तो मैदानी क्षेत्र के भी। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले उत्तराखंड में पलायन का असर ...

बीजेपी राज में आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार बढ़ाः लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल

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विकासनगर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश अध्यक्ष करण महरा के दिशा निर्देश पर पछवादून के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अगस्त क्रान्ति दिवस को “आदिवासी गौरव दिवस” के रूप में बनाया। कांग्रेस की पछवादून जिलाध्यक्ष लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल ने कहा कि 1942 में आज ही के दिन महात्‍मा गॉंधी जी द्वारा ब्रिटिश शासन को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए भारत छोड़ो आन्‍दोलन की शुरूआत की गयी। इस स्‍मृति दिवस पर आजादी के लिए अपना सर्वस्‍व अर्पण करने वाले सभी अमर बलिदानियों को नमन कर कार्यक्रम कि शुरुवात कि गयी। लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल ने जानकारी दी कि “आदिवासी गौरव दिवस” के तहत आज पछवादून क्षेत्र के अंतर्गत कुंजाग्रांट में आदिवासी समुदाय के लोगो को सम्मानित किया गया और उनके वैध अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक किया और पिछले 9 सालो से केंद्र कि भाजपा सरकार द्वारा देश भर में आदिवासी समुदाय के अधिकारों और पहचान पर लगातार हो रहे क्षरण के खिलाफ उनकी लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ है आश्वासन दिया। लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी वर्ग पर भाजपा सरकार और उनके नेताओं द्वारा अत्याचार बढता ही जा र...

सबका यही संकल्प स्तनपान का नहीं कोई विकल्प

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-स्तनपान सिर्फ शिशु नहीं माताओं के लिए भी लाभदायक: डॉ. शरण्या देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज: पैनेसिया अस्पताल देहरादून (#Panacea #Hospital #Dehradun) की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. #शरण्या, #(Dr. Sharanya ) ने कहा कि "स्तनपान न केवल रोकी जा सकने वाली मौतों को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के लिए उत्प्रेरक भी है। हमें जन्म के एक घंटे के भीतर प्रारंभिक स्तनपान, छह महीने तक विशेष नर्सिंग और दो साल की उम्र तक निरंतर स्तनपान के महत्व को दोहराना और जोर देना चाहिए, हम सालाना 20,000 मातृ मृत्यु और 823,000 शिशु मृत्यु को समाप्त कर सकते हैं। कामकाज़ी स्तनपान कराने वाली माताओं का समर्थन करने के लिए वैश्विक मानसिकता में बदलाव आवश्यक है। काम के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जागरूकता, शिक्षा और समझ के साथ, हम उन्हें इन बाधाओं को दूर करने के लिए सशक्त बना सकते हैं। कामकाज़ी महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली कमी को दूर करने के लिए स्तन के दूध की उचित देखभाल और संरक्षण महत्वपूर्ण है। डॉ. शरण्या कहती हैं 1992 ...

शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को एसएसपी को भेजा पत्र, DG शिक्षा से की विभागीय कार्रवाई की मांग

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विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा कि तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली एवं वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी (मा) सुदर्शन सिंह बिष्ट आदि द्वारा सूचना आयोग के समक्ष झूठे तथ्य प्रस्तुत करनेध् मोर्चा की छवि धूमिल करने को लेकर एसएसपी, डीआईजी को पत्र प्रेषित कर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने एवं महानिदेशक, शिक्षा से उक्त निकम्मे, भ्रष्ट एवं गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने को लेकर पत्र प्रेषित किया। शर्मा ने कहा कि वर्ष 2919-2020 में एसजीआरआर इंटर कॉलेज, सहसपुर में 3 पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हुई गंभीर अनियमितता को लेकर मोर्चा द्वारा सूचना आयोग में अपील योजित की गई थी, जिसमें सुनवाई के दौरान उक्त शिक्षा अधिकारियों ने सूचना आयोग में बयान दिया था कि भर्ती प्रक्रिया के समय विज्ञापन प्रदेशीय संस्करण में विज्ञापित कराया गया था तथा जन संघर्ष मोर्चा द्वारा झूठी शिकायत की गई। मामले का संज्ञान लेते हुए मा. सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने 24 मार्च 2023 को विज्ञापित संस्करण की जांच के नि...