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देवप्रयाग संगम पर गंगा पूजन को पहुंचे मुख्य न्यायाधीश नदी में गिरने से बाल-बाल बचे

देहरादून। देवप्रयाग तीर्थ में संगम स्थल पर गंगा पूजन के लिए पहुंचे उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन का पांव अचानक फिसल गया। साथ चल रहे सीओ प्रमोद शाह ने उन्हें तुरंत पकड़कर संभाला। जिससे वह नदी में गिरने से बाल-बाल बच गए। शनिवार को मुख्य न्यायाधीश आर रंगनाथन अपनी पत्नी के साथ देवप्रयाग तीर्थ दर्शन को पहुंचे। दक्षिण भारत में भगवान रघुनाथ की विशेष महत्ता के चलते उन्होंने श्रीरघुनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर मुख्य पुजारी सोमनाथ भट्ट से आदिगुरु शंकराचार्य और मंदिर के बारे में जाना। उसके बाद वह संगम स्थल पर गंगा पूजन और दर्शन के लिए गए। पूजा के लिए जैसे ही वह गंगा नदी की ओर बढ़े तो उनका पांव फिसल गया। सीओ नरेंद्रनगर प्रमोद शाह ने उन्हें थाम लिया।

दिल्ली दंगे में दिवंगत हुए पौड़ी निवासी दिलवर सिंह के परिजनों को सीएम ने दी 5 लाख रु की आर्थिक सहायता 

देहरादून। दिल्ली दंगे में दिवंगत हुए पौड़ी निवासी दिलवर सिंह के परिजनों को मुख्यमंत्री ने दी 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद पौड़ी के तहसील चाकीसैंण के ग्राम रोखड़ा निवासी स्व. दिलवर सिंह के परिजनों को 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने दिल्ली के दंगो में हुई दिलवर सिंह की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने मृत आत्मा की शान्ति तथा उनके शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री दिलवर सिंह के परिजनों की कमजोर आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत रूपये 5 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की है।

लापता जवान राजेंद्र सिंह की पत्नी को आर्थिक सहायता का चैक प्रदान किया  

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  देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के विशेषकार्याधिकारी धीरेन्द्र पंवार एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद् के उपाध्यक्ष खेमसिंह पाल ने शनिवार को 11वीं गढ़वाल राइफल्स के लापता जवान हवलदार राजेंद्र सिंह के आवास पर जाकर उनके परिवार की कुशल क्षेम पूछी। विशेषकार्याधिकारी श्री पंवार ने लापता जवान हवलदार राजेन्द्र सिंह की पत्नी को आर्थिक सहायता का चैक देते हुए कहा कि सरकार हवलदार राजेंद्र सिंह के परिवार की हरसंभव मदद करेगी। ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत 11 फरवरी को देहरादून स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती 11वीं गढ़वाल राइफल्स के लापता जवान हवलदार राजेंद्र सिंह की पत्नी की कुशल क्षेम पूछने भी पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने हवलदार राजेन्द्र सिंह की पत्नी को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि रक्षामंत्री से मुलाकात करते हुए उनके समक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया था। उन्होंने कहा कि हवलदार राजेन्द्र सिंह के वेतन को पुनः शुरू किए जाने का भी अनुरोध किया गया था।

पीनट बटर सेहत के लिए खासा फायदेमंद

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देहरादून। पीनट बटर खाने में जितना लज़िज़ होता है तो उतना ही ये आपकी सेहत के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद है और इसमें कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें पोटेशियम के साथ साथ मैगनीशियम और अन्यस कई तत्वों से भरपूर यह पीनट बटर कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है। खाने के मामले में बच्चे बड़े सभी लोग शौकिन होते हैं, तो ऐसे में पीनट बटर आपकी मदद कर सकता है और जैली सैंडविच में पीनट बटर को मिलाकर बच्चे खूब पसंद से खाते हैं। काफी सारे लोगों के दिमाग में यह गलत बात बैठ गई है कि बटर खाने से मोटापा आपको घेर लेगा। हर खाने की चीज को कैलरी के हिसाब से तौलना बिल्कुल भी सही बात नहीं है। वैसे आप आपकी सेहत के प्रति फिक्रमंद जरूर रहें लेकिन जो पोषण तत्व होते हैं उन्हें अपने डायट से बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ कभी भी नही करना चाहिए। पीनट बटर जिसे हम हिन्दी में मूंगफली का मक्खन कहते हैं यह आम मक्खन से भी बहुत ज्यादा टेस्टी होता है। इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। ज्यादातर लोग सोडियम का इस्तेमाल बेहद ज्यादा करते हैं। पीनट बटर में पोटेशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है और पोटेशियम सोडियम के खतरे को कम करने

अन्तर्विभागीय एथलेटिक्स मीट का आयोजन 29 मार्च को होगा 

देहरादून। सचिवालय एथलेटिक्स एण्ड फिटनैस क्लब की एक आवश्यक बैठक क्लब के अध्यक्ष जीएस भाकुनी के कार्यालय कक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में लिए गये निर्णयानुसार क्लब द्वारा 29 मार्च को प्रथम एक दिवसीय अन्तर्विभागीय एथलेटिक्स मीट का आयोजन महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर देहरादून में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।  इस प्रतियोगिता में कुल 10 प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जायेंगी। पहले आओ के आधार पर देहरादून में स्थित विभागीय मुख्यालय एवं देहरादून परिक्षेत्र में कार्यरत महिला एवं पुरूष कर्मचारी खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकते हैं प्रतिस्पर्धा आयु समूह 40 वर्ष से कम, 40 वर्ष से अधिक एवं 50 वर्ष से अधिक वर्ग में होनी है। एक खिलाड़ी अधिकतम 03 प्रतिस्पर्धाओं में प्रतिभाग कर सकता है। तीनों प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक प्राप्त खिलाड़ियां को चैम्पियनशिप एवं अधिकतम पदक प्राप्त विभाग को चल बेजयन्ती ट्राफी प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। प्रतियोगिता के सम्बन्ध में विभागीय मुख्यालयों को पत्र प्रेषित कर दिये गये हैं। 

आईआईटी रुड़की में पद्मविभूषण डॉ. कस्तूरीरंगन के व्याख्यान से लाभान्वित हुए छात्र

रुड़की। आईआईटी रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सभागार में  पद्मविभूषण डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन के व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का शीर्षक टूवार्ड्स ए 21स्ट सेंचुरी नॉलेज सोसाइटी था। इस व्याख्यान सत्र में 100 से अधिक छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। डॉ. कस्तूरीरंगन ने 21 वीं सदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप भारत को एक बौद्धिक समाज में बदलने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ऐसा समाज आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए एक पथ-प्रदर्शक का काम करेगा। “भारत जैसे विशाल और विविधता वाले समाज की प्रगति के लिए ज्ञान बहुत ही आवश्यक है। यह बहुत ही उपयुक्त समय है, क्योंकि नई पीढ़ी ये मानती है कि ज्ञान ही सच्चा धन है और लोगों से साझा करने से इसमें वृद्धि होती है। यह आईआईटी रुड़की के छात्रों और अध्यापकों के साथ एक शानदार शाम थी। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मुझे 21 वीं सदी के समाज के लीडर बनने जा रहे युवाओं से बात करने का मौका मिला,” डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा। डॉ. कस्तूरीरंगन को वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार

आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स के देहरादून केंद्र ने पूरा किया एक वर्ष का सफर, 500 युवाओं को किया प्रशिक्षित

 -जॉब प्लेसमेंट का विकल्प चुनने वाले सभी छात्रों को प्रशिक्षण के सफल समापन पर मिला उपयुक्त रोजगार   देहरादून। आईसीआईसीआई फाउंडेशन फॉर इनक्लूसिव ग्रोथ (आईसीआईसीआई फाउंडेशन) द्वारा स्थापित आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स (आईसीआईसीआई एकेडमी) की स्थापना आथिज्क दृष्टि से कमजोर वर्ग के युवाओं को निशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की गई, ताकि उन्हें एक स्थायी आजीविका कमाने में मदद मिल सके। देहरादून में आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स सेंटर की स्थापना फरवरी, 2019 में की गई थी। इस केंद्र पर वंचित वगज् के लोगों को निशुल्क स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। यहां 8 सप्ताह की अवधि वाला श्ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन का कोसज् उपलब्ध कराया जाता है। जिन लोगों ने कम से कम 10वीं कक्षा तक शिक्षा पूरी की है और जो 18-30 वर्ष की आयु के हैं, वे इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षण के अलावा, आईसीआईसीआई अकादमी में प्रशिक्षुओं को पोशाक, भोजन और पाठ्यक्रम से जुड़ी सभी जरूरी सामग्री निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। स्थापना के बाद से आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स के देहरादून केंद्र ने अब तक लगभग 500 युवाओं को प्रश