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आकाश बायजूस ने लांच की अपनी सबसे बड़ी बहुप्रतीक्षित परीक्षा एंथे 2023, कक्षा सातवीं-बारहवीं के छात्रों को मिलेगा 100 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप और कैश अवार्ड पाने का मौका

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देहरादून। परीक्षण तैयारी सेवाओं में राष्ट्रीय अग्रणी, आकाश बायजूस ने आज अपनी सबसे बड़ी लोकप्रिय और बहुप्रतीक्षित परीक्षा एंथे (आकाश नेशनल टैलेंट हंट एग्जाम) 2023 के 14वें संस्करण का अनावरण किया। 100 प्रतिशत तक छात्रवृत्ति और असाधारण नकद पुरस्कारों के साथ, प्रमुख वार्षिक छात्रवृत्ति परीक्षा सातवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास करने का मौका प्रदान करती है। एंथे 2023 का लक्ष्य सफलता के लिए एक उल्लेखनीय प्रवेश द्वार बनना है, जो युवाओं को इंजीनियरिंग या चिकित्सा में उज्ज्वल भविष्य की उनकी आकांक्षाओं के लिए उड़ान भरने के लिए प्रेरित करता है। एंथे छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ता आकाश में नामांकन कर सकते हैं और एनईईटी, जेईई, राज्य सीईटी, स्कूल बोर्ड परीक्षाओं और एनटीएसई और ओलंपियाड जैसी प्रतिस्पर्धी छात्रवृत्ति सहित विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन और सलाह प्राप्त कर सकते हैं। एंथे में छात्रों के लिए रोमांचक उपलब्धि यह है कि 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप और कैश अवार्ड के अलावा विभिन्न कक्षाओं के 100 बच्चों को नेशनल साइंस मिशन की 5 दिवसीय यात्रा जीतने का अवसर म

कारगिल विजय दिवस पर यात्रा संस्मरण

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-द्रास-कारगिल-लेह से गुजरते हेमचंद्र सकलानी विकासनगर। श्रीनगर में घटित सोफिया कांड के कुछ माह बाद हम लम्बी कश्मीर यात्रा पर निकले थे। कुछ दिन श्रीनगर में ठहरने के बाद वहां के हालात देख अब वहां ठहरना उचित नहीं समझ रहे थे क्योंकि वहॉ की स्थिति देख हम बहुत व्यथित हो उठे थे। श्रीनगर बस स्टैण्ड, ठीक शंकराचार्य पहाड़ी के नीचे है। वहॉ से द्रास कारगिल के लिए एक ही बस है जो सुबह सात बजे चलती है। शहर के बीच में से जीप का गुजरना हमें दहशत में भर रहा था। कारगिल, द्रास, टाईगर हिल, के उन स्थानों को जहॉ भारतीय फौज ने उन विषम दुर्गम परिस्थितियों में दुश्मन मार भगाया था को देखना, महसूस करना मेरे जीवन का लक्ष्य था। कई वर्षों से सोच रहा था कि वहॉ जरूर जाऊॅगा। साढ़े सात बजे हमारी बस श्रीनगर शहर के बीच से आगे बढ़ रही थी। बड़ा सन्नाटा पसरा हुआ था चारों ओर। महाराज हरी सिंह पैलेस से गुजरते हैं फिर हजरतबल, मनसबल, उपनगरों से होकर गंडरबल पहुॅचते हैं (जो आतंकवादियों की करतूतों के कारण इन वर्षों में काफी चर्चित रहे हैं) वसूल से हम तनबरक नदी के साथ चलते हैं। मुख्य शहर श्रीनगर से बाहर खेतों में धान रोपते स्त्री पुर

जब तक गगन में सूरज चाॅद रहेगा, सुमन अमर तुम्हारा नाम रहेगा

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हेमचंद्र सकलानी विकासनगर। विश्व में समय समय पर कुछ ऐसी विभूतियों ने जनम लिया जो अल्प आयु में अपने महान कार्यों से, समाज के लिए तथा अपनी जन्म भूमि के लिए दी गई अपनी शहादत से हमेशा के लिए अमर हो गये। जैसे बंगाल में जन्मे यतीन्द्र नाथ दास जो मात्र पच्चीस वर्ष की अल्प आयु में शहीद हो गये थे और आयरलैंड में जनमें क्रांतिकारी मैक्सिविनी जिन्होंने 70 दिन का आमरण अनशन किया फिर अंत में अपने देश के लिए बलिदान हो गये। ऐसे अनेक महान पुरूषों के सम्पूर्ण जीवन का अध्ययन करने से पता चलता है जैसे उनका जन्म ही अपने क्षेत्र और समाज के उत्थान के लिये हुआ हो। क्योंकि अपने जीवन का एक दिन भी इन्होंने कभी सुख, शाॅंति से नहीं व्यतीत किया। चाहे महात्मा गाँधी रहे हों, लाला लाजपत राय रहे हों, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद या सुभाष चन्द्र बोस रहे हों। इसी क्रम में एक नाम गढ़वाल के प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी श्रीदेव सुमन का आता है। यद्यिपि वे टिहरी को सामन्तशाही से मुक्त होते न देख सके पर आज उन्हें स्मरण करते बरबस किसी कवि की पंक्तियाॅ स्मरण हो आती हैं – ‘‘अगर जिंदगी है तो ख्वाब हैं, ख्वाब हैं तो मंज

अमर शहीद श्रीदेव सुमन तैं वों कि पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन

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देहरादून। पुण्यतिथि पर अमर सेनानी व टिहरी जनक्रांति का नायक श्रीेदेव सुमन जी तैं कोटि-कोटि नमन। टिहरी रियासत की कुनीतियों का खिलाफ लड़दू-लड़दू 25 जुलाई 1़944 का दिन ये महान वीर सपूत न टिहरी जेल मा 84 दिनों का अनशन का बाद अपणा प्राणों की आहुति दिली छै। श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि तैं सुमन दिवस का रूप मा मनाये जांदू। श्रीदेव सुमन न बोली थै कि मैं अपणा शरीर का कण-कण तैं नष्ट ह्वै जाण देलू पर टिहरी रियासत का नागरिक अधिकारों तैं कुचलने नहीं दूंगा। सुमन की यीं बात पर राजा न दरबार व प्रजामंडल का बीच सम्मानजनक समझौता करौण की संधि कू प्रस्ताव भी भेजी, लेकिन राजा का दरबारियों न ये प्रस्ताव तैं खारिज करी कैं वों का पिछने पुलिस अर गुप्तचर लगैली था। श्रीदेव सुमन न बहुत कम उम्र मा एक प्रतिभा संपन्न समाजसेवी, लेखक अर कवि का रूप मा पहचाण हासिल कर ली थै। तौं कू स्वभाव बड़ू मधुर अर व्यक्तित्व बड़ू प्रभावशाली थै जू सहज ही लोगू कू ध्यान आकर्षित करदा थै। श्रीदेव सुमन 1930 मा 14 साल की उम्र मा ही महात्मा गांधी का नमक सत्याग्रह आंदोलन मा कूद पड़ी थै, ऐ का वजह सी तौं तैं जेल जाणू पड़ी थै। तै का बाद तौंन टिहरी रि

गाय को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए देहरादून पहुंचेगी उत्तराखंड की प्रमुख 101 देवडोलियां: गोपाल मणि महाराज

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देहरादून: देहरादून के मीनाक्षी होटल में गौमाता-राष्ट्रमाता के ध्वजवाहक पूज्य गोपाल मणि महाराज जी के पावन सानिध्य में भारतीय गौक्रान्ति मंच की विशाल बैठक आहूत हुई। जिसमें सैकड़ों गौभक्तों के साथ शहर के प्रबुद्धजनों ने प्रतिभाग किया । विदित है कि संत गोपाल मणि महाराज जी पूरे देश और दुनियां में सनातन की मूलाधार और करोड़ों हिंदुओं की आस्था की प्रतीक गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दिलाने के लिए पिछले डेढ़ दशक से अथक प्रयास कर रहे हैं जिसमें राज्यों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली में कई बार बड़े-2 गौ आंदोलन कर चुके हैं । इसी क्रम में इस बार पुनः देहरादून के विशाल रेसकोर्स मैदान में आगामी अगस्त माह की 19 से 25 अगस्त तक ऐतिहासिक विशाल गौ-प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन होगा जिसमें उत्तराखंड की प्रमुख 101 देव डोलियां देहरादून गौ महोत्सव में पहुंचेगी साथ ही दिव्य गौकथा एवं अष्ठादश पुराण तथा गौप्रतिष्ठा हेतु कामधेनु महायज्ञ का आयोजन भी होगा। बैठक में संत गोपाल मणि महाराज जी ने कहा कि हम चाहते हैं देश में रामन्दिर तैयार होने से पूर्व इस देश मे गौ को राष्ट्रमाता का सम्मान मिले यह तभी सम्भव ह

न्यू एरा चिल्ड्रन एकेडमी खैरी डोईवाला के छात्रों व शिक्षकों ने किया पौधारोपण

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डोईवाला। न्यू एरा चिल्ड्रन एकेडमी खैरी डोईवाला द्वारा हरेला सप्ताह तहत नलों वाली माता मंदिर खैरी डोईवाला में विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया गया। इस अवसर पर विद्यालय को छात्र-छात्राओं द्वारा आम, नींबू अमरूद एवं छायादार पौधे लगाए गए। विद्यालय के प्रबन्धक ममतोष गैरोला ने इस अवसर पर मन्दिर परिसर में एक रूद्राक्ष का पौधा भी लगाया। उन्होंने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ भूपेंद्र यंदगनी ने बच्चों से पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। इस अवसर प्रियंका बमोला, संदीप बमोला, सिमरन कौर, निधि, सुनीता प्रभाकर, कविता जोशी, अंजू बहुगुणा, मीनाक्षी, ममता राणा नीलम आदि ने सभी ने छात्रों को पर्यावरण की जानकारी दी एवं वृक्षारोपण का महत्व बताए।

मुख्य सचिव को सेवा विस्तार दिया जाना दुर्भाग्यपूर्णः मोर्चा, सरकार मामले में करें पुनर्विचार

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-प्रदेश में काबिल अफसरों की भरमार -मुख्य सचिव का कार्यकाल रहा है अव्यवस्थाओं भरा -पत्रावलियां रास्ते में ही तोड़ती रही दम -अधिकारियों में खौफ नहीं मुख्य सचिव का -सरकार मामले में करे पुनर्विचार विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा कल मुख्य सचिव श्री एस.एस. संधू को 6 माह का सेवा विस्तार दिया गया है, जोकि प्रदेश के काबिल अफसरों पर कुठाराघात है। नेगी ने कहा कि मुख्य सचिव का कार्यकाल एवं उनकी कार्यशैली बहुत ही निराशाजनक रहीय यहां तक कि अधिकारियों में इनका कोई खौफ नहीं रहा, जिस कारण पत्रावलियां एक पटल से दूसरे पटल पर पहुंचने में दम तोड़ती रही तथा लोगों को सही समय पर न्याय मिलना तो दूर, पत्रावलियां ढूंढे नहीं मिल पाई। कई मामलों में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद भी मातहत अधिकारियों ने रिपोर्ट आख्या तक उपलब्ध नहीं कराई। कई पत्रावलियां रास्ते में ही गुम हो गई, जिसकी वजह से सरकार की छवि को भी दाग लगा। उक्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव की लचर कार्यशैली की वजह से अधिकारियों ने काम पर ध्यान देना बंद कर दिया। मोर्चा सरकार से मांग करता